मेरी कृतियाँ

Friday, 19 February 2016

" लाँगुरिया" [ लम्बी तेवरी-तेवर पच्चीसी ]

" लाँगुरिया" [ लम्बी तेवरी-तेवर पच्चीसी  ]
-रमेशराज
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चीनी है पैंतीस तौ दो सौ तक है  दाल
अब है महँगाई कौ दौर, करैगौ कैसे लाँगुरिया । 1
और बढ़ै सिर पर चढ़ै बड़ी निगौडी भूख
जाकौ सुरसा जैसौ  पेट भरैगौ कैसे लाँगुरिया । 2
तेरे खेतन में बढ़ौ भारी खरपतवार
बता तू बिन खुर्पी के खेत नरैगौ कैसे लाँगुरिया । 3
बंजर पै बिल्डिंग बनीं दगरे दीखें मैंड़
बछरा अब जंगल में घास चरैगौ कैसे लाँगुरिया ।4
+पुलिस-सुरक्षा में रहें, बत्ती जिनके पास
सोच अब उन गुण्डन के गाल छरैगौ कैसे लाँगुरिया । 5
बना मरखनौ जब लियौ तैनें  सूधौ सांड़
अब ये देगौ सबकूँ उच्चि, डरैगौ कैसे लाँगुरिया । 6
धीरे-धीरे हो गया आदमखोर निजाम
जाकी चढि़ छाति पै दाल दरैगौ कैसे लाँगुरिया । 7
पीकर अमृत हो गया महिषासुर बलवान
पूछ तू दुर्गा माँ से दुष्ट मरैगौ कैसे लाँगुरिया । 8
कोई दैत्य निशुम्भ-सा, कोई शुम्भ समान
बता तू इन असुरों का अंत करैगौ कैसे लाँगुरिया । 9
अब तो सच की राह पर  दिखे आग ही आग
धधकते अँगारों पै पाँव धरैगौ कैसे लाँगुरिया ।10
घेरि रहे इस देश को अमेरिका के चोर
उदारीकरण-दंश की पीर हरैगौ कैसे लाँगुरिया । 11
कामासुर अब घूमते गली-गली के बीच
बता तू इन छिनरन के मान छरैगौ कैसे लाँगुरिया । 12
हर सिर उपर घूमतौ भस्मासुर कौ हाथ
सोच ये जालिम अब की बार बरैगौ कैसे लाँगुरिया । 13
महादेव कौ तीसरौ नेत्र खुलै ना आज
जगत कौ भारी पापाचार जरैगौ कैसे लाँगुरिया । 14
बना कपट-छल आजकल सदाबहारी वृक्ष
जाकौ हरौ-हरौ हर पात छरैगौ कैसे लाँगुरिया । 15
नारी का सुख चाहता, धन से मोह अपार
भव सागर से ऐसौ भक्त तरैगौ कैसे लाँगुरिया | 16
सब इससे भयभीत हैं, कौन मरोड़ै बाँह
अत्याचारी के गल-फंद परैगौ कैसे लाँगुरिया। 17
साँस-साँस पर बोझ है, मन में भरी कराह
हमारे दुःख कौ बनौ पहाड़ गरैगौ कैसे लाँगुरिया । 18
गयी ब्याज में गाय तब, अब लै जावै बैल
घर पै आयौ साहूकार टरैगौ कैसे लाँगुरिया । 19
नये विधेयक ने दिये कतर न्याय के पंख
मुंसिफ न्यायालय में न्याय करैगौ कैसे लाँगुरिया । 20
शीलभंग जब कर रहे नेता मंत्री संत
सोच अब करते कोई ‘रेप’ डरैगौ कैसे लाँगुरिया । 21
ऊँची कुर्सी पा गये सभी कोयला चोर
बता तू इन चोरन को अंत करैगौ कैसे लाँगुरिया । 22
हर नेता खारिज करे लोकपाल की माँग
तानाशाही का ये रूप मरैगौ कैसे लाँगुरिया । 23
भ्रष्टाचारी के जुड़े जब मंत्री से तार
बता ऐसे में रिश्वतखोर डरैगौ कैसे लाँगुरिया । 24
जनता अब लेकर जिये भारी आह-कराह

संकट जो जन-जन के बीच, टरैगौ कैसे लाँगुरिया । 25
+रमेशराज  

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