" लाँगुरिया" [ लम्बी तेवरी-तेवर पच्चीसी ]
-रमेशराज
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चीनी है पैंतीस तौ दो सौ तक है दाल
अब है महँगाई कौ दौर,
करैगौ कैसे लाँगुरिया । 1
और बढ़ै सिर पर चढ़ै बड़ी निगौडी भूख
जाकौ सुरसा जैसौ पेट भरैगौ कैसे लाँगुरिया । 2
तेरे खेतन में बढ़ौ भारी खरपतवार
बता तू बिन खुर्पी के खेत नरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 3
बंजर पै बिल्डिंग बनीं दगरे दीखें मैंड़
बछरा अब जंगल में घास चरैगौ कैसे लाँगुरिया
।4
+पुलिस-सुरक्षा में रहें,
बत्ती जिनके पास
सोच अब उन गुण्डन के गाल छरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 5
बना मरखनौ जब लियौ तैनें सूधौ सांड़
अब ये देगौ सबकूँ उच्चि,
डरैगौ कैसे लाँगुरिया । 6
धीरे-धीरे हो गया आदमखोर निजाम
जाकी चढि़ छाति पै दाल दरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 7
पीकर अमृत हो गया महिषासुर बलवान
पूछ तू दुर्गा माँ से दुष्ट मरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 8
कोई दैत्य निशुम्भ-सा,
कोई शुम्भ समान
बता तू इन असुरों का अंत करैगौ कैसे लाँगुरिया
। 9
अब तो सच की राह पर दिखे आग ही आग
धधकते अँगारों पै पाँव धरैगौ कैसे लाँगुरिया
।10
घेरि रहे इस देश को अमेरिका के चोर
उदारीकरण-दंश की पीर हरैगौ कैसे लाँगुरिया ।
11
कामासुर अब घूमते गली-गली के बीच
बता तू इन छिनरन के मान छरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 12
हर सिर उपर घूमतौ भस्मासुर कौ हाथ
सोच ये जालिम अब की बार बरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 13
महादेव कौ तीसरौ नेत्र खुलै ना आज
जगत कौ भारी पापाचार जरैगौ कैसे लाँगुरिया ।
14
बना कपट-छल आजकल सदाबहारी वृक्ष
जाकौ हरौ-हरौ हर पात छरैगौ कैसे लाँगुरिया ।
15
नारी का सुख चाहता,
धन से मोह अपार
भव सागर से ऐसौ भक्त तरैगौ कैसे लाँगुरिया |
16
सब इससे भयभीत हैं,
कौन मरोड़ै बाँह
अत्याचारी के गल-फंद परैगौ कैसे लाँगुरिया।
17
साँस-साँस पर बोझ है,
मन में भरी कराह
हमारे दुःख कौ बनौ पहाड़ गरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 18
गयी ब्याज में गाय तब,
अब लै जावै बैल
घर पै आयौ साहूकार टरैगौ कैसे लाँगुरिया ।
19
नये विधेयक ने दिये कतर न्याय के पंख
मुंसिफ न्यायालय में न्याय करैगौ कैसे लाँगुरिया
। 20
शीलभंग जब कर रहे नेता मंत्री संत
सोच अब करते कोई ‘रेप’ डरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 21
ऊँची कुर्सी पा गये सभी कोयला चोर
बता तू इन चोरन को अंत करैगौ कैसे लाँगुरिया
। 22
हर नेता खारिज करे लोकपाल की माँग
तानाशाही का ये रूप मरैगौ कैसे लाँगुरिया ।
23
भ्रष्टाचारी के जुड़े जब मंत्री से तार
बता ऐसे में रिश्वतखोर डरैगौ कैसे लाँगुरिया
। 24
जनता अब लेकर जिये भारी आह-कराह
संकट जो जन-जन के बीच,
टरैगौ कैसे लाँगुरिया । 25
+रमेशराज
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