मन ईलू-ईलू बोले [ लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ]
+रमेशराज
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+घोटाले मंत्री को प्यारे,
लिपट पेड़ से बेल निहाल
छिनरे सुन्दर नारि ताकते खडे़ हुए हैं बम भोले।
1
+अज्ञानी को मद भाता है,
भला लगे मछली को ताल
गुड़ है जहाँ वहाँ पर चीटें लगे हुए है बम भोले।
2
+थाने-हवालात कारा को गुण्डे
समझ रहे ससुराल
बच्चे कार्टून फिल्मों में रमे हुए हैं बम भोले।
3
+मोबाइल में ब्लू फिल्मों की
चिप डाले नेता का लाल
जिसे देखने उसके साथी जुटे हुए हैं बम भोले।
4
+चंदा को चाहे चकोरिनी,
पास-दूर का नहीं सवाल
साँप युगों से चन्दन-लिपटे पड़े हुए हैं बम
भोले। 5
+बैठ गन्दगी मक्खी खुश है,
भौंरा दिखे कमल की डाल
मधुशाला में धुत्त शराबी पड़े हुए हैं बम भोले।
6
+तीन लोक से दुनिया न्यारी,
जय-जय बोल बिहारी लाल
सारे गुण्डे भाँग घोटने लगे हुए हैं बम भोले।
7
+सुन्दर नारि देख जो रीझे,
नगरवधू कीने कंगाल
चाकू जैसे बदन फूल से गुदे हुए हैं बम भोले।
8
+बच्चे सूँघ रहे कपड़े को मादक
एक रसायन डाल
खेल-कूद से आज फासले बने हुए हैं बम भोले।
9
+सत्ता की मधुमक्खी गुल से खूब
रही मकरंद निकाल
नेता जन का खून चूसने जुटे हुए हैं बम भोले।
10
+चापलूस अफसर को प्यारे बुनते
तारीफों का जाल
कामचोर चमचागीरी पर तुले हुए हैं बम भोले।
11
+रोज छुरी की धार निहारें, चाहे जिसको करें हलाल
जिधर
देखिए उधर कसाई खड़े हुए हैं बम भोले।
12
+मेंढक ताल बीच टर्राये,
भरती जल में मीन उछाल
खतरा बनकर इनको बगुले डटे हुए हैं बम भोले।
13
+गिद्ध चाहता लाश बिछी हों , बाज
जीव पर भरे उछाल
नेता अब जनता के दुश्मन बने हुए हैं बम भोले।
14
+कान्हा संग पूतना सोये विष अपने
स्तन पर डाल
ममता के किस्से भी छल से भरे हुए हैं बम भोले।
15
+जिन्हें न कभी तैरना आया,
जिन्हें न पता भँवर का जाल
बिन नाविक नौका विहार को चढ़े हुए हैं बम भोले।
16
+पण्डित को प्यारी है चोटी,
मुल्ला को दाढ़ी के बाल
लम्बी-लम्बी दस्यु जटाएँ रखे हुए हैं बम भोले।
17
+क्या होती गुरुता नहीं जाने,
फिर भी गुरु हैं, गुरुघंटाल
ठग कबीर पर प्रवचन देने जुटे हुए हैं बम भोले।18
+जनता ने चुनकर जो भेजा अब उस
मंत्री का ये हाल
चोर-डकैतों को दरवाजे खुले हुए हैं बम भोले।
19
+नकटा बोले सब नकटे हैं,
वैश्या सबको कहे छिनाल
खल सज्जन को मल कहने में जुटे हुए हैं बम भोले।
20
+कोई आकर डंडी मारे, कोई पत्थर रहा उछाल
सब कहते-‘फल आज पेड़ के पके हुए हैं बम भोले’।
21
+कौन इन्हें मारेगा उठता जनता
के मन एक सवाल
भस्मासुर की तरह आज जो बने हुए हैं बम भोले।
22
+पण्डित चाहे दान-दक्षिणा पकवानों
के सँग तर माल
साधु भोग के चक्कर में अब पड़े हुए हैं बम भोले। 23
+वैरागी रागी बन बैठा ब्रह्मचर्य
में रति को डाल
सन्यासिन भी मजा देह का चखे हुए हैं बम भोले।
24
+वैद्य चाहता सब मरीज हों,
बढ़े संक्रमण रोग बवाल
धन के चक्कर में धनवन्तरि पड़े हुए हैं बम भोले। 25
+सोच रहे हम, पाँव विदेशी कब करते हैं हमें निहाल
हम उनको कालीन सरीखे बिछे हुए हैं बम भोले।
26
+भेड़चाल का अजब दौर है सबकी
है अब अंधीचाल
वे भी भेड़ दिखायी दें जो बचे हुए हैं बम भोले।
27
+इनके चाबुक निर्दोषों की जमकर
रोज उधेडें खाल
सत्ता वाले खल के साले बने हुए हैं बम भोले।
28
+बने हुए सच के उपदेशक वे ही
कंठी-माला डाल
जो अपनी सारी नैतिकता तजे हुए हैं बम भोले ।
29
+खेल रहे हैं नूराकुश्ती भोली
जनता को भ्रम डाल
बेमतलब नेता बिजार-से भिड़े हुए हैं बम भोले।
30
+जो अंधियारे में ले जाकर खींच रहे जज-जन की खाल
शिष्टाचार अधर पर उनके सजे हुए हैं बम भोले।
31
+लोकतंत्र में हुआ लोक का जीना
अब तो और मुहाल
छिनरों के छिनरे ही मुंसिफ बने हुए हैं बम भोले।
32
+अजब हो रही महाआरती सबके हाथों
में हैं थाल
लेकिन श्रद्धा वाले दीपक बुझे हुए हैं बम भोले।
33
+इस सिस्टम के प्रति विरोध की
मत रखना इनसे उम्मीद
इनके सारे किस्से रति से भरे हुए हैं बम भोले।
34
+होगा ‘पप्पू’ पास नकल से,
मुन्ना भाई भी हर साल
विद्यालय अब शौचालय से बने हुए हैं बम भोले।
35
+गोबर से कीड़ा राजी है ,
सारे पाजी तम के यार
वैरागी भी माया-माया जपे हुए हैं बम भोले।
36
+छोटा-सा गड्ढा भी जिनसे बड़ा
मान लीजे हर हाल
मनरेगा के ताल इस तरह बने हुए हैं बम भोले।
37
+कैसे हम उनको पहचानें काँटे
का है यही सवाल
जिनके मुख पर कई मुखौटे लगे हुए हैं बम भोले।
38
+लिखा गया तेवर चालीसा हर तेवर
दो छंद सम्हाल
अपने भी अब ऐसे तेवर बने हुए हैं बम भोले ।
39
+खल को नहीं निबल को मारें,
बस इतने ही हैं हम वीर
खस्सीपन में तर्क हमारे चुके हुए हैं बम भोले
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[ रमेशराज की लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ]
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