तेवरी
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पूरे ढोर, नंग-चोर बात करें धर्म की
सैंधबाज-घूँसखोर बात करें धर्म की , सत्य-भरे मर्म की |
घर पै बढ़ायें बोझ, गाँठ काटें बाप की
पूत ऐसे चारों ओर बात करें धर्म की , सत्य-भरे मर्म की |
रखते यकीन हीन-ये कमीन छल में
झूठ के पकडि़ छोर बात करें धर्म की , सत्य-भरे मर्म की |
आज तो रमेशराज बगुले-गिद्ध-बाज
बनते कपोत-मोर, बात करें धर्म की , सत्य-भरे मर्म की |
+ रमेशराज +
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