*तेवरी*
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गिरगिट से भी तुलना फीकी
अब देख सियासी रंग।सब दंग।।
जो हर उलझन को सुलझाए
है वही व्यवस्था भंग। सब दंग।।
सच को बदसूरत बता रहे
जो नकटे बूचे नंग।सब दंग।।
धावक की सूची में अब हैं
दुनिया के सभी अपंग।सब दंग।।
कहने-भर को है नाम नदी
जल की उठती न तरंग।सब दंग।।
*रमेशराज
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