*तेवरी*
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ये नये दौर की देशभक्ति
नफ़रत फैली हर ओर।अब शोर।।
जिनकी सरपंचों में गिनती
सारे के सारे चोर।अब शोर।।
जो विश्व-शांति की बात करे
उसने ही मारे मोर।अब शोर।।
करुणामय रूप दिखाकर वो
बन बैठा आदमखोर।अब शोर।।
फिर अंधकार छलने आया
मत बोलो इसको भोर।अब शोर।।
*रमेशराज*
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