Monday, 9 August 2021

तेवरी

 *तेवरी*

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ये नये दौर की देशभक्ति

नफ़रत फैली हर ओर।अब शोर।।


जिनकी सरपंचों में गिनती

सारे के सारे चोर।अब शोर।।


जो विश्व-शांति की बात करे

उसने ही मारे मोर।अब शोर।।


करुणामय रूप दिखाकर वो

बन बैठा आदमखोर।अब शोर।।


फिर अंधकार छलने आया

मत बोलो इसको भोर।अब शोर।।

*रमेशराज*

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